
रंगीली महल बरसाना श्री राधा रानी की पावन भूमि पर स्थित एक आध्यात्मिक स्थल है जिसकी स्थापना जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने की थी। यहां भक्तों को भक्ति, सत्संग और शांति का आनंद लेने का अवसर मिलता है। रंगीली महल की भव्यता और खूबसूरत उद्यान इस स्थान को और भी खास बनाते हैं। यहां हर साल कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें प्रवचन, भजन और कृष्ण-राधा की दिव्य कथाएं शामिल हैं।
इस आश्रम के अंदर एक सुंदर मंदिर है जिसमें श्री राधा कृष्ण की बेहद सुंदर मूर्तियां स्थापित हैं। भक्तों को यहां विशेष प्रवचन और ध्यान का अवसर भी मिलता है। रंगीली महल का शांत वातावरण और दिव्य आभा यहां आने वाले आगंतुकों के मन को प्रसन्न करती है। इस आश्रम में भक्तों के लिए आवास और भोजन की सुविधा भी उपलब्ध है।
राधा रानी मंदिर, मान मंदिर और प्रेम सरोवर जैसे कई आस-पास के धार्मिक स्थल भी यहां आने वाले आगंतुकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। रंगीली महल की एक और खासियत है यहां होने वाले भजन और कीर्तन जो भक्तों को राधा कृष्ण की भक्ति में डुबो देते हैं।
यहां प्रवेश निःशुल्क है और कोई भी भक्त यहां आकर राधा कृष्ण के आनंद का आनंद ले सकता है। अगर आप बरसाना की यात्रा पर हैं, तो रंगीली महल जरूर जाएं, क्योंकि इस स्थान की आध्यात्मिक शक्ति आपके मन और आत्मा को शुद्ध कर देगी।
बरसाना एक पवित्र स्थान है जिसे श्री राधा रानी का जन्मस्थान माना जाता है। यहां चार प्रमुख पहाड़ियां हैं जिनका नाम राधा रानी के चार भाइयों के नाम पर रखा गया है। इन पहाड़ियों का अपना धार्मिक महत्व है और यहां कई प्रसिद्ध मंदिर स्थित हैं।
विलास गढ़ – यह पहाड़ी राधा रानी और श्री कृष्ण की दिव्य प्रेम लीला से जुड़ी हुई है। ऐसा कहा जाता है कि कृष्ण और राधा अपनी सखियों के साथ यहां कई प्रेम लीलाएं किया करते थे।
माणा गढ़ – यह स्थान राधा कृष्ण की प्रेम लीला से जुड़ा हुआ है। ऐसा कहा जाता है कि राधा रानी को यहीं कृष्ण से बचाया गया था, इसलिए इसका नाम ‘माणा गढ़’ पड़ा। यहां मान मंदिर स्थित है जो भक्तों के लिए एक पवित्र स्थान है।
दान गढ़ – यह स्थान श्री कृष्ण की प्रसिद्ध ‘दान लीला’ से जुड़ा हुआ है। इस स्थान पर कृष्ण और उनके मित्रों ने गोपियों से दान मांगा था, जिसे ‘दान लीला’ के रूप में मनाया जाता है।
भनोखर गढ़ – यह पहाड़ी श्री राधा रानी के भाई भानुजी से जुड़ी हुई है। यहां से बरसाना का सुंदर दृश्य दिखाई देता है और यह भक्तों के लिए एक पवित्र स्थान है।
ये चार पहाड़ियां बरसाना के इतिहास और राधा कृष्ण की लीलाओं से जुड़ी हुई हैं। यहां आकर भक्तों को एक अनूठा आध्यात्मिक अनुभव मिलता है।
बरसाना किस लिए प्रसिद्ध है?
बरसाना श्री राधा रानी की जन्मस्थली होने के कारण सबसे अधिक प्रसिद्ध है। यह एक पवित्र स्थान है जिसे श्री कृष्ण और राधा रानी की क्रीड़ास्थली के रूप में जाना जाता है। यहां स्थित श्री राधा रानी मंदिर, जिसे लाड़ली लाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है।
बरसाना विशेष रूप से लट्ठमार होली के लिए प्रसिद्ध है, जो हर साल फाल्गुन माह में मनाई जाती है। इस होली पर बरसाना की महिलाएं गोकुल के पुरुषों पर लाठियां बरसाती हैं और यहां राधा कृष्ण के प्रेम प्रसंगों का जश्न मनाया जाता है। यह अनोखा त्योहार देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र होता है।
बरसाना की गलियां, यहां का भक्तिमय माहौल और राधा कृष्ण की कहानियों से जुड़ी हर जगह इसे खास बनाती है। यहां मान मंदिर, दान बिहारी मंदिर और रंगीली महल जैसे कई प्रसिद्ध मंदिर हैं जो भक्तों को राधा कृष्ण के प्रेम और भक्ति में डुबो देते हैं।
बरसाना के पास नंदगांव, राधा कुंड और श्याम कुंड जैसे कई धार्मिक स्थल हैं, जहां भक्तों को दिव्य शांति और आध्यात्मिक आनंद मिलता है।
बरसाना में कितनी सीढ़ियां हैं?
बरसाना में श्री राधा रानी मंदिर तक पहुंचने के लिए 250 से 300 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है और यहां पहुंचने के लिए भक्तों को थोड़ी चढ़ाई करनी पड़ती है, लेकिन शीर्ष पर पहुंचने के बाद जो आध्यात्मिक आनंद मिलता है, वह एक अनूठा अनुभव है।
मंदिर के रास्ते में कई छोटी-छोटी दुकानें हैं, जो भक्तों के लिए प्रसाद, माला और राधा कृष्ण से जुड़ी चीजें उपलब्ध कराती हैं। दिन में भक्तों द्वारा किए जाने वाले “राधे राधे” के जाप से पूरा माहौल भक्ति से भर जाता है।
यह मंदिर बरसाना की सबसे ऊंची पहाड़ी विलासा गढ़ पर स्थित है। इस मंदिर में पहुंचने के बाद यहां से पूरे बरसाना शहर और आसपास के इलाके का खूबसूरत नजारा देखा जा सकता है। यहां भक्तों के लिए सुविधाएं भी मुहैया कराई गई हैं, जिसमें बुजुर्गों के लिए पालकी या डोली का इस्तेमाल किया जाता है।
अगर आप बरसाना की यात्रा पर हैं, तो राधा रानी मंदिर की सीढ़ियां चढ़ने का अनुभव एक अनोखी आध्यात्मिक यात्रा होगी।
एक दिन में बरसाना कैसे जाएं?
अगर आप एक दिन में बरसाना जाना चाहते हैं तो आपको यह यात्रा सुबह जल्दी शुरू करनी होगी ताकि आप गंतव्य तक पहुंच सकें।
सभी प्रसिद्ध स्थानों पर जाएँ।
सुबह 6-7 बजे – श्री राधा रानी मंदिर में जाएँ और आध्यात्मिक शांति का आनंद लें।
रात 9 बजे – रंगीली महल जाएँ और वहाँ प्रवचनों और भजनों का आनंद लें।
रात 11 बजे – प्रेम सरोवर और मान मंदिर जाएँ, जो कि इस पवित्र त्यौहार से जुड़े हैं।
राधा कृष्ण की लीलाएँ।
दोपहर 2 बजे – लट्ठमार होली स्थल और बरसाना की प्रसिद्ध गलियों का भ्रमण करें।
शाम 4-5 बजे – राधा कुंड और श्याम कुंड का भ्रमण करें।
शाम 6-7 बजे – बरसाना की आरती का आनंद लें और वापस लौटने की तैयारी करें।
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